बजट 2019 : इस बार खुश हो पाएगा किसान, पिछले बजट के मुकाबले सरकार दे पाएगी राहत!
अंतरिम बजट में सरकार के पास ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं है फिर भी, कयास लगाए जा रहे हैं कि किसानों को लुभाने के लिए सरकार कुछ बड़े फैसले कर सकती है.
पिछले बजट में सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी को बढ़ाकर दो गुना करने का लक्ष्य तय किया था.
पिछले बजट में सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी को बढ़ाकर दो गुना करने का लक्ष्य तय किया था.
बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट जट पेश करने वाली है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार के पास मतदाताओं को लुभाने का यह आखिरी मौका है. हालांकि अंतरिम बजट में सरकार के पास ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं है फिर भी, कयास लगाए जा रहे हैं कि किसानों को लुभाने के लिए सरकार कुछ बड़े फैसले कर सकती है.
2018 के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि और ग्रामीण सेक्टर के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं का ऐलान किया था. अगर उन योजनाओं को ध्यान रखा जाए तो इस बार भी सरकार का ध्यान किसानों पर ही केंद्रीत होगा. क्योंकि हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार का बड़ा कारण किसानों की ही नाराजगी बताया गया. इससे पहले उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी की हार की वजह किसान ही बने थे. इसलिए जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार हर हाल में किसानों को लुभाने की पूरी-पूरी कोशिश करेगी.
2018 के बजट में किसान
पिछले बजट में सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी को बढ़ाकर दो गुना करने का लक्ष्य तय किया था. इसके अलावा उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देकर उनके जीवन को धुएं से मुक्त बनाने की घोषणा की थी. गांवों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था.
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आम किसानों की तरह ही मछुआरों और पुशपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड देने की भी बात कही गई थी. देशभर में 42 मेगा फूड पार्क बनाने की योजना बनाई गई थी ताकि किसानों के उत्पाद की प्रोसेसिंग हो सके और उन्हें उनकी उपज का सही दाम मिल सके. गांवों में 22 हज़ार हाटों को कृषि बाजार में तब्दील करने की योजना थी ताकि किसानों को उनके उत्पाद के लिए नजदीक ही बाजार मुहैया हो जाए. प्रोसेसिंग सेक्टर को 1400 करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी, ताकि ज्यादा से ज्यादा कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग हो सके.
इनमें से कुछ योजनाएं जमीन आईं, और कुछ फाइलों से बाहर नहीं आ सकीं. इसलिए किसानों की आमदनी बढ़ाने की जो बात कही जा रही थी, उसमें आगे बढ़ने की बजाए उल्टे किसानों की उपज की लागत ही नहीं मिलने जैसी खबरें आती रहीं.
2019 के बजट में किसान
इसलिए 2019 के बजट में कृषि सेक्टर पर सरकार का खास ध्यान रहेगा. केंद्र सरकार किसानों को राहत पैकेज या कृषि कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रही है. जो किसान समय पर कर्ज चुकाते हैं उनके लिए अरुण जेटली बड़ी घोषणा कर सकते हैं. हालांकि किसानों का जोर इस बात पर है कि सरकार को उनकी उपज के सही दाम दिलाने पर काम करना चाहिए. अगर किसान की उपज का बाजार में सही दाम मिलेगा तो किसान को कर्ज लेने की जरूरत ही नहीं होगी.
04:09 PM IST